सागर/ गौरझामर देवरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत जैतपुर कछिया के महुआ खोंग्रा गांव के बच्चों को नाला पार करने के लिए रस्सी का सहारा लेना पड़ रहा है। इन बच्चों को एक किमी पैदल चलकर सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए जाना पड़ रहा है। बच्चों की परेशानी यहीं खत्म नहीं होती बल्कि उन्हें रास्ते में नाला पार करने के लिए एक रस्सी के सहारे नाले को पार करना पड़ रहा है। जिस जगह बच्चे नाला पार करते हैं, वहां पानी की गहराई लगभग 5-6 फीट के आसपास है। गांव वालों ने बारिश के दिनों में गांव के दोनों ओर स्थित पेड़ों से एक रस्सी को बांध दिया है, जिसमें बच्चें को रस्सी को हाथों से पकड़ कर नाला पार करना पड़ता है। ऐसे में बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंचते है। इस दौरान यदि थोड़ी सी भी चूक हो जाए तो बच्चों का जीवन खतरे में पड़ सकता है। गांव वालों का कहना है कि कई बार शिकायत की गईं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों ने पीड़ा जाहिर करते हुए बताया कि महुआ खोंग्रा गांव में रहने वाले हरिजन और आदिवासी समुदाय के लोग के करीब 10 से 15 परिवार के घर बने हुए हैं, जिनके बच्चों को रस्सी के सहारे स्कूल जैतपुर कछिया में पढ़ने जाना होता है।बच्चों को शिक्षा हासिल करने के लिए जान जोखिम में डालकर रस्सी के सहारे नाला पार करने को मजबूरगांव से आम लोगों के साथ साथ स्कूली छात्रों को भी रस्सी के सहारे जान जोखिम में डालकर नाला पार करना पड़ता है।