ग्राम पंचायत गौरझामर में सचिव ,संरपच लगा रहे फर्जी बिल
धुंधले बिलों के जरिए किया जा रहा भ्रष्टाचार, पोर्टल में लग रहे फर्जी बिल और हो रहे है भुगतान
गौरझामर सागर जिले की देवरी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गौरझामर में भ्रष्टाचार गबन, चरम सीमा में पहुँच चुका है। वही जिन्हें भ्रष्टाचार रोकने की जवाबदारी दी गई है वह भी पैसों की चमक के आगे नतमस्तक हो चुके है जिसे देखकर लगता है कि जिम्मेदारों के द्वारा भ्रष्टाचार गबन करने की आजादी दे दी गई है। एक ओर प्रदेश की सरकार चाह रही है कि सब कुछ पारदर्शिता हो जो हो रहा वह ऑनलाईन और पोर्टल के जरिये सब देख सके कि क्या कार्य हुए, कितना कार्य हुआ, बिल किसका लगा, कौन सही या गलत, सब दिखाई पड़े की सही गलत क्या हैं। लेकिन धुंधले बिलों को पोर्टल में लग कर फर्जी बिलों का भुगतान कर रहे है।
धुंधले बिल से यह जाहिर नहीं हो पाता है। कि बिल सही लगा है या गलत आखिर उपर बैठे उच्चाधिकारी इसको रोक क्यों नहीं पा रहे हैं। यह भी एक बडा सवाल है। कि कहीं उच्चाधिकारियों की रजामंदी से यह सब तो नहीं हो रहा है। दिनांक 07 जून 2024 को 270040 रुपए का भुगतान किया जिसमे सरकार से जीएसटी टैक्स चोरी की संभावना हो सकती है। भुगतान में धुंधले बिल लगाए गए इससे यह प्रतीत होता है की कही न कही अधिकारियों की मिलीभगत हो सकती है। शायद इसी वजह से उच्चधिकारी मौन रहते हैं। उपर बैठे अधिकारी पंचायत के कर्मचारियों के कारनामों या धुंधले बिल की कभी जांच तक नहीं करते है।
।। सरकारी पोर्टल में खुलके किया जा रहा भ्रष्टाचार।।
गौरतलब यह है कि जिन सरकारी पोर्टल को पारदर्शिता के मंशा से बनाया गया था आज उन्हें सरकारी पोर्टल में खुलके भ्रष्टाचार किया जा रहा है, बता दे कि यही हाल सागर जिले के जनपद पंचायत देवरी अंतर्गत ग्राम पंचायत गौरझामर का है। जहाँ पर फर्जी बिल लगाकर भुगतान किया जा रहा जिसकी समय-समय पर शिकायतें होती भी है पर उन शिकायत की फाइल धूल खाती रहती है। देवरी जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली अधिकांश पंचायतों में धुंधले बिलों को पोर्टल पर अपलोड करना आम बात हो गई है।
पंचायत सरपंच सचिव के द्वारा हजारों बिलों को धुंधला कर के अपलोड कर आम जनता को भ्रमित किया जा रहा है, परंतु जनपद प्रशासन गहरी नींद में सोया हुआ है। भ्रष्टाचार छिपाने का प्रयास आखिर कब तक जिले की जनपद पंचायत देवरी अंतर्गत पंचायतों में “पंचायत दर्पण” में लगे बिल को पूरी तरह धुंधला कर दिया गया है या फिर कंप्यूटर ऑनलाइन की दुकानों से स्टेशनरी खरीदी , फोटोकॉपी , साफ सफाई व्यय जैसे फर्जी बिल या खरीदे गए समान के दुगने बिल का भुगतान कराया जा रहा है। पंचायत दर्पण में लगे बिलों को देखकर साफ अनुमान लगाया जा सकता है कि सरपंच, सचिव जानबूझ कर धुंधला बिल लगाते है जिससे किस फर्म में किस सामग्री का बिल लगा है पता न चल पाये। सूत्रों की माने तो ग्रामवासी अगर सचिव से पूछते हैं कि किस सामग्री का बिल लगा है तो सचिव जवाब देते है नेट से निकाल लीजिये, जब पंचायत दर्पण पर लोग देखने पहुंचते है तो वहां बिल ही धुंधला मिलता है, कुल मिलाकर भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए यह खेल खेला जाता ।
।। आला अधिकारी मौन क्यों ? क्या है मिलीभगत।।
प्रशासन को चुनौती देते हुये देवरी विकासखंड क्षेत्रों की अधिकांश ग्राम पंचायतें धुंधला बिल लगाई जा रही हैं । धुंधले बिल से यह जाहिर नहीं हो पाता है, कि बिल सही लगा है या गलत आखिर उपर बैठे उच्चाधिकारी इसको रोक क्यों नहीं पा रहे हैं यह भी एक बडा सवाल है कि कहीं उच्चाधिकारियों की रजामंदी से यह सब तो नहीं हो रहा है, शायद इसी वजह से उच्चधिकारी मौन रहते हैं, उपर बैठे अधिकारी पंचायतों के कर्मचारियों के काले कारनामों या धुंधले बिल, बिना सामान खरीदे के बिल का कभी जांच तक नहीं करते है, कुल मिलाकर कार्रवाई न होना अधिकारियों के कमीशन की तरफ इशारा करता है। क्या आला अधिकारियों की मिलीभगत खुलेआम भ्रष्टाचार को
इनका कहना
में जनपद पंचायत देवरी सीईओ से बात करता हूं जो भी शिकायत हो लिख कर दे जांच करवा कर कार्यवाही करूंगा
पी सी शर्मा जिला पंचायत सीईओ सागर